हर वक्त कैसे अपने दिल को समझा रहे हैं
बेवजह ही वो मेरे दिल को दुखा रहे हैं
लगता है उन्हें भी सिर्फ चेहरों से मोहब्बत हैं
तभी मेरे दिल की गलियों से दूर जा रहे हैं।
बहुत हो गया अब कितना तड़पाओगे
बिन बात किए तुम भी कैसे रह पाओगे?
अब तो फिक्र भी नहीं तुम्हें मेरी शायद
मुझसे दूर जाकर तुम भी कैसे जीए जाओगे।
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